मनोरंजन

होगा वही जो होना है – नीलकान्त सिंह

माथा पटकने से क्या होगा,

होगा वही जो होना होगा।।

 

मेरा क्या यहां जो मैं रोऊं

क्यों न मैं बस राम को ही जपूं

यूं दुख करने से क्या होगा

होगा वही जो होना होगा।।

 

जिन्दगी में बस राम को जपो

राम सा ही सदा तुम भी तपो

चिंता किस बात की मैं करूं

होगा वही जो होना होगा।।

 

तप की अग्नि में जो तपता है

फूल सा वह जग में खिलता है

फिर दुख करने से क्या होगा

होगा वही जो होना होगा।।

– नीलकान्त सिंह नील, बेगूसराय, बिहार

Related posts

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

मेरी कलम से – डा० क्षमा कौशिक

newsadmin

मकस कहानिका मध्यप्रदेश अध्याय में हुआ विराट कवि सम्मेलन

newsadmin

Leave a Comment