गुलाबी लाल घोला जा रहा है,
मना होली जमाना गा रहा है।
रुहानी रंग में लबरेज दुनिया,
खुशी दिल में नशा सा छा रहा है।
गले लगकर चलो होली मनायें,
रहें मिलके मजा अब आ रहा है।
गिला शिकवा चलो अब भूल जायें,
यही जीवन हमें बतला रहा है।
जिधर देखो मुहब्बत प्यार छाया,
नजर मटके अदा ‘अनि’ भा रहा है।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड