यहि देशवा में होत बाटय,
भइया गजबै कमाल हो।
मेहनतकश से ज्यादा घूमै,
गली गली मा दलाल हो ।
जै करै दिन भै कमाई बाबू,
वह के ‘हरी’ हाल बेहाल हो ।
दलाली करै वाले दलाल,
जीवन मा खूबै निहाल हो।
कहैं यहि देशवा के नेता,
खत्म होइगै भ्रष्टाचार हो ।
लेकिन दलाली के दलदल मा,
देशवा करत बा विहार हो।
करा तनी देशवा के प्रधान,
यहि रोग पै विचार हो,
कैसी मिटी अपने देशवा से,
दलाली कै बढ़त व्यापार हो।।
– हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश
Ph no – 7087815074