मनोरंजन

बात – हरी राम यादव

उन लोगों की बात पर,

कभी करना नहीं यकीन।

जिन लोगों की बात की,

“हरी” नहीं है कोई जमीन।

“हरी” नहीं है कोई जमीन,

मीन सा मारें कह पल्टा।

बातों को बातों में उड़ा दें,

जैसे गिरा लोटा उल्टा ।

बचन निभाने के लिए,

कितनों ने कटाए शीश।

बचन बचाने के ही वास्ते,

बन को चले गये जगदीश।।

– हरी राम यादव, अयोध्या , उत्तर प्रदेश

Related posts

मेरी कलम से – क्षमा कौशिक

newsadmin

गजल – मधु शुक्ला

newsadmin

सुध बुध सद्य गवाईं – अनुराधा पांडेय

newsadmin

Leave a Comment