जिंदगी का सफर सुहाना है,
दिल अगर आपका दिवाना है।
त्याग से मित्रता रहेगी तो,
प्रेम पावन सदैव पाना है।
छल, कपट जब न पास आयेगा,
नाम, यश को करीब आना है।
भाव उपकार मन सहेजेगा,
तब दुआ को बहार लाना है।
बाँटता जो खुशी सुखी रहता,
बात अनुभव भरी बताना है।
रूप हैं प्यार के कई जग में,
फैसला आपको सुनाना है।
वक्त जो ईश ने दिया हमको,
पुण्य उसमें हमें कमाना है।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश