(1) ” रा “, रात दिन
जपूँ राधे कृष्णा !
बात-बात में…..,
कहूँ हरे कृष्णा !!
(2) ” धे “, धेय धेयना
राधे का प्यासा !
नाम जपता चला…..,
हुयी पूर्ण अभीप्सा !!
(3) ” कृ “, कृत-कृतज्ञ
राधे कृष्णा का !
बनूं सुविज्ञ…..,
सदैव कृष्णा का !!
(4) ” ष् “, ष्ठी परमानंदन
राधे कृष्णा प्रहर्ष !
देखूँ शुभानन……,
होए चले उत्कर्ष !!
(5) ” ण “, णमो अरिहंताणं
जपूँ नित्य श्रीनाम !
श्रीराधे कृष्णा…….,
बनाए चलें काम !!
(6) ” राधे कृष्ण “, राधे कृष्ण
कहता चलूँ जीवन भर !
हर पल हरक्षण तुझे निहारुँ……,
पाऊँ दर्शन श्रीजी के जीभर !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान