मनोरंजन

विदा हो चली – प्रतिभा जैन

आज मैं विदा हो चली,

जिस घर में बिताया बचपन,

उसी घर में मेहमान हो चली,

छोड़ कर अपनी महक

यादों का पिटारा ले चली।

आज मैं विदा हो चली,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सपनों की दुनियां में,

पहला कदम रख चली,

थाम कर आपका हाथ,

खुद को समर्पित कर दिया।

छोड़ अपनी पहचान,

लाल चुनर ओढ़ चली।

आज मैं विदा हो चली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

– प्रतिभा जैन, टीकमगढ़, मध्य प्रदेश

Related posts

हिन्दी गजल – मधु शुक्ला

newsadmin

गजल – ऋतू गुलाटी

newsadmin

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment