मनोरंजन

मुस्कुराने की वजह बनें – सुनील गुप्ता

आओ मुस्कुराने की वजह बनें हम

और चलें सदा यहां पे मुस्कुराते  !

क्यूँ मनाएं दुःख विषाद और मातम….,

और चलें हमेशा यहां पे खिलखिलाते !!1!!

 

है ये बड़ा ही खुशनसीब भाग्य हमारा

कि, हमने मनुज जन्म है यहां पाया !

और  पुण्य प्रारब्ध कर्मों के फलस्वरूप ही ….,

इस सनातन देवभूमि पे स्थान है बनाया !!2!!

 

सदैव बरतें यहां कर्म करते सावधानी

कि, किसी का हो ना हमसे कोई भी अहित  !

बस चलें करते पालन अपने स्वधर्म का….,

और करें मानव कल्याण कार्यों को अनवरत !!3!!

 

रखें सभी के प्रति प्रेम दया सदाशयता

और बनें सदा बड़े उदार दिल वाले   !

चलें फैलाए प्रेम धर्म आध्यात्मिकता…..,

और करें काम खुशियाँ आनंद देने वाले !!4!!

 

होगी तभी मनुज जीवन की सार्थकता

कि, जब चहुँओर बरसेगा प्रेम आनंद जमकर !

होगी यही हमारे जीवन की सच्ची सफलता….,

कि, जब मुस्कुराएंगे सभी यहां मिल-जुलकर!!5!!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

Related posts

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

ग़ज़ल – झरना मथुर

newsadmin

ज्येष्ठ सी मैं तप रही हूँ – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

Leave a Comment