जम्मों जुरमिल मनाबो बाबा, तोर जंती।
मांदर अउ झाँझ बजाके, नाचबो पंथी।।
जैतखाम ह शांति, एकता के प्रतीक हे।
गिरौधपुरी ह पूरा एशिया म प्रसिद्ध हे।।
चलव हमन सादा धजा ल चढ़ाबो संगी।
जम्मों जुरमिल मनाबो बाबा, तोर जंती।।
सत के रद्दा म चल, सत म कर बिसवास।
सत म बने हे काया, सत म बगरे उजास।।
हंसा तैंय नाव जप ले सतनाम के कंठी।
जम्मों जुरमिल मनाबो बाबा, तोर जंती।।
चोला तर जाही हमर चरण कुंड म नहाके।
मोक्ष मिलही खड़ाऊ के दरसन ल पाके।।
संत शिरोमणि के कथा बाचव सतसंगी।
जम्मों जुरमिल मनाबो बाबा, तोर जंती।।
मनखे-मनखे हे एक समान के दे उपदेश।
जीव मन ऊपर दया करव दे हच संदेश।।
मांस-मंदिरा, व्यभिचार ल लगाएव पाबंदी।
जम्मों जुरमिल मनाबो बाबा, तोर जंती।
मांदर अउ झाँझ बजाके, नाचबो पंथी।।
– अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़