मनोरंजनमेरी कलम से – डा० क्षमा कौशिक by newsadminDecember 1, 2023093 Share0 <>प्रेम<> प्रेम पलने दो हृदय में द्वेष का न लेश हो, हृदय की गहराइयों में प्रेम ही अशेष हो। ज्यों सुमन में गंध वायु में प्राण का वेग हो, मुझमें तुम और तुममें मैं बस भाव यह अद्वेत हो। – डा० क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड