मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

वफा करना सिखाया जा रहा है,

खुशी से अब फँसाया जा रहा है।

 

उठाता है वो नखरे दिल लगा के,

अदाओ से जताया जा रहा है।

 

किया है प्यार उसने जब मुझे अब,

लगे दिल मे बिठाया जा रहा है।

 

सुना है अब दिवाली पास मे ही,

घरो को अब सजाया जा रहा है।

 

मुहब्बत का खजाना सा लगे वो,

कसम मे दिल लुटाया जा रहा है।

– रीता गुलाटी ऋतंंभरा, चण्डीगढ़

Related posts

हर घर तिरंगा लेखन प्रतियोगिता में जि विजय कुमार पुरस्कृत

newsadmin

तेरे यूँ आगमन से – विनोद निराश

newsadmin

कहाँ थे अब तक? – अनुराधा पांडेय

newsadmin

Leave a Comment