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चले आओ श्रीराम चले आओ – सुनील गुप्ता

चले आओ, चले आओ

मेरे श्रीराम चले आओ  !

सुनों अंतस की आर्त पुकार…..,

अब तो तुम चले आओ !!1!!

 

कब से मन तड़प रहा

और कर रहा तुम्हारा इंतजार  !

नहीं रहा सहा जाता……,

और कब तक करूँ इंतजार !!2!!

 

शबरी सा तकूँ राह

जहां तक दूर निगाहें जाती  !

अब थक चुका हूँ बैठा…….,

भूख प्यास कुछ ना लगती !!3!!

 

करा दो पार भवसागर

दिला दो मोक्ष मुक्ति मुझे  !

हुआ कृशकाय ये शरीर……,

रही नहीं चाह जीने की मुझे !!4!!

 

है संसार दुःखों का सार

समझ आ गया है मुझे   !

बन हनुमंत करूँ सेवा…….,

बस एक आसरा आपका मुझे !!5!!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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