कान्हा की मुरली बजे
बजती यमुना के तीर,
गोपियन संघ रास करे
गाये गोपी गीत ।
वृक्ष, सूर्य अंबर जल
ये सब भी है देवता,
इनका नित्य करो सम्मान
कान्हा देते सीख यही।
हर गोपी के चरण पडूॅ
गाउं नित गोपी गीत।
– कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड