(1)”ब “, बदले हैं दिन, बदले है जीवन
पर, बढ़ना जीवन में नित आगे !
वही जीत का होता सच्चा हक़दार….,
जो, बढ़ता रहता निरंतर आगे !!
(2)”द “, दर्द दुःख की है बस एक दवा
अकूत धैर्य और संतोष मात्र !
चले है जो इसे यहां अपनाए…..,
वही बने सच्चा योग्य सुपात्र !!
(3)”ला “, लाए चले जो यहां बदलाव
स्वयं से स्वयं की ज़िन्दगी में !
वही जीतता यहां पर है जंग…..,
चलते हुए इस जीवन सफर में !!
(4)”व “, वक़्त से है नहीं बड़ा
यहां पर कोई भी इंसान !
जो जीता छोटा बनके और विनम्र……,
चलें बनते उसके सभी यहां काम !!
(5)”बदलाव “, बदलाव की ये लहर
चले सदा से यूँ ही बहती !
जो जाए इसमें डूब उतर……,
तो, ज़िन्दगी उसकी संवर निखर आती !!
(6)”बदलाव “, बदलाव लाए सदा से ही
ज़िन्दगी में सकारात्मक परिवर्तन !
और चलें सदा यहां मुस्कुराते हुए…….,
तो, खिल-खिल आए है ये जीवन !!
(7)”बदलाव “, बदलाव से हम कभी
तनिक ना भागें और ना घबराएं !
चलें संग साथ सभी के मिलके…….,
तो, उत्तम परिणाम सदा ही पाएं !!
(8)”बदलाव “, बदलाव चले जीवन में सदा
बदलते दशा और जीवन दिशाएं !
चलें हम स्वीकार करते इसे…….,
और मानते प्रभु ईश्वर की इच्छाएं !!
(9) अक्सर ऊँचाई पर वही लोग
पहुँचते हैं अपने जीवन मे यहां !
जो बदला लेने की सोच कभी नहीं रखते….,
और हरेक बदलाव को स्वीकार किए चलें यहां !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान