अंधकार नाश किया ,ज्ञान का प्रकाश किया,
उन सभी शिक्षकों को शिष्य का प्रणाम है ।
शब्द उपहार दिया , अर्थ व्यवहार दिया ,
गुरु पग पादुका ही मेरा पूण्य धाम है ।
शंका समाधान किया , सत्य पथ भान दिया ,
छाया उन गुरुओं की रही आठों याम है ।
शब्द कोष दान दिया , प्रश्नों का निदान दिया ,
गुरुओं की कृपा से ही आज मेरा नाम है ।
– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान