मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

खूबसूरत देश मेरा जान भी कुर्बान है।

जान से भी ये है प्यारा कर रहे सम्मान है।

 

आ जरा तू पास यारा,हो रही पहचान है।

आज लगता है मुझे तू ही मेरा भगवान है।

 

तू नही गर संग तो कैसे जिये तन्हाई में।

जिंदगी हो साथ तेरे  अब यही अरमान है।

 

आ गयी क्यो दूरियाँ अब तेरे, मेरे बीच में।

बैठकर हल ढूँढते अब, तू ही यारा जान है।

 

धड़कने कहने लगी,जज्बात दिल के है खिले।

आ रही होठों पे मेरे आज तो मुस्कान है।

 

आज कह दो अब सभी से देश प्यारा है मुझे।

धर्म मेरा जात मेरी सिर्फ हिंदोस्तान है।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

कविरा तुझसे मेरी अस्ति – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

ग़ज़ल – भूपेन्द्र राघव

newsadmin

अछूत का पेड़ – दीपक राही

newsadmin

Leave a Comment