मनोरंजन

एहसास – मनोज माथुर

ठंडी बूंदों की बारिश हो ,

गरमा-गरम पकोड़ों के साथ,

धुआँ उगलती चाय की प्याली हो,

ऐसे में तेरा साथ हो…. तो क्या बात हो।

 

शीतल चाँदनी रात हो,

मस्त बहती धीमी बयार हो,

उड़ती ज़ुल्फ़ों से सरकता तेरा आँचल हो…तो क्या बात हो।

 

बिछी हर ओर चाँदनी सी सफ़ेद चादर हो,

काले घने बादलों का  जमघट हो,

आसमान से गिरते नरम बर्फ के फाहे हों,

पेड़-पौधे,छत-आंगन सब ठंड के आगोश में हो,

ऐसे में तेरे प्यार की गर्माहट हो….तो क्या बात हो।

 

सच लेकिन ज़िन्दगी का बस यही है,

मौसम कोई भी हो,

हर मौसम प्यार का मौसम हो,

बस तेरा साथ हो….तो क्या बात हो।

– मनोज माथुर, देहरादून , उत्तराखंड

Related posts

गजल – मधु शुक्ला

newsadmin

प्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

newsadmin

सफलता – जया भराडे

newsadmin

Leave a Comment