मनोरंजन

ग़ज़ल – ऋतु गुलाटी

प्यार में दिल हमारा मचलता रहा,

फलसफा जिंदगी का बदलता रहा।

 

प्यार मेरा नजर में जो पलता रहा,

हुस्न मेरा भी अब तो निखरता रहा।

 

आज देखी है प्यासी नजर आपकी,

देख उसको ये दिल भी पिघलता रहा।

 

मोम सा दिल अरे पिघलने क्यो लगा,

आशिकी  यार देखी मचलता रहा।

 

क्या  दिखाया अजी आँख में यार के,

हो गया बावला मैं जकड़ता रहा।

– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली, पंजाब

Related posts

तन तो बेगाना – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

ग़ज़ल – विनोद निराश

newsadmin

गजल – ऋतु गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment