(1)”जरा “, जरा मुस्कुराइए
दिल से हंसिए !
फ़िर देखिए ज़नाब……,
ये दुनिया खिलखिलाए !!
(2)”मुस्कुरा “, मुस्कुरा तू देखकर
तो, दुनिया मुस्कुराए !
नेमत है ये प्रभु की…..,
दिल खोलकर लूटाएं !!
(3)”के “, केवल मुस्कुरा दो
वो खिंचे चलें आएंगे !
हर राग से राग……,
वो मिलाते यहां चलेंगे !!
(4)”देखो “, देखो जरा हंसकर
बनेगें काम यहां पर !
ये दुनिया तुम्हारी होगी….,
सब आएंगे हर्षाकर !!
(5)”जरा मुस्कुरा के देखो “,
तबियत खिल उठेगी !
अपनों से होंगी बातें….,
ये दुनिया सज उठेगी !!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान