बेमौसम की बरसात से,
घायल रो रहा किसान।
ऊपर से ओला की मार ने,
दुगुना किया लुहूलुहान।
दुगुना किया लुहूलुहान,
सारी फसल हुई चौपट।
पकी हुई सरसों की खेती से,
दूर हुई घर की चौखट ।
खेत टमाटर के रंग गये,
गिरी खेत में मटर नटखट।
गेहूं की तो कमर टूट गई
खेत बन गये हैं पनघट।।
– हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश