मनोरंजन

मधुमासी मुक्तक – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

चैत्र के नवरात्र भी अब हैं निकट मधुमास में।

पुण्य दिन श्री राम के अवतरण का भी पास में।

वर्ष नव आरम्भ होगा प्रतिपदा है अति निकट,

भक्ति रस में डूब जायें जन सभी उल्लास में।

 

कूकती कोयल कहीं पर भ्रमर गुंजन कर रहे।

सँग पपीहे के मधुर स्वर कान में रस भर रहे।

तितलियाँ मधुमक्खियां मँडरा रहीं हर पुष्प पर।

दृश्य स्थापित मनोरम ये सभी मिल कर रहे।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

Related posts

हेलन केलर जयंती (27 जून) – अनिल शर्मा

newsadmin

नेपाली मुक्तक – डा.दिव्य-प्रियंवदा काफ्ले आचार्य

newsadmin

ग़ज़ल हिंदी – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

Leave a Comment