मनोरंजनतुम और मैं – सन्तोषी दीक्षित by newsadminMarch 12, 20230240 Share0 तुम अम्बर जैसे लगते हो, मैं धरती जैसी लगती हूं। तुम बनकर मेघ बरसते हो, मैं अन्तस पर सहती हूं। , मैं तो छोटी सी नदिया हूं, तुम तो बड़े समुन्दर हो । मैं तुम में ही मिल जाती हूं, और धारा जैसी बहती हूं,। – सन्तोषी दीक्षित देहरादून, उत्तराखंड