जय मां हंस सवारिनी,
हे सकल विश्व भव तारिणी,
कमल आसन शोभित माते,
जय मां वीणा वादिनि।
ज्ञान का दीप जला दो माते,
विद्या बुद्धि विवेक दान दो,
तेरी शरण में हम आये माता,
जय मां वीणा वादिनि।
हाथ जोड़ कर करू मैं प्रार्थना,
हमारी कलम को तुम सवार दो,
इस जीवन में त्याग, तप भर दे,
जय मां वीणा वादिनि।
तुमको अपने हृदय में बसाते हम
वाणी में मधुर स्वर देना मां,
तेरी पूजा करूं ऐसी कृपा करना मां
जय मां वीणा वादिनि।
– सुन्दरी नौटियाल (शोभा), देहरादून , उत्तराखंड