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शिव शम्भू – डा० क्षमा कौशिक

जागृत करता आत्मबोध, शिव तत्व का ज्ञान,

शिव सत्य,शिव सुंदर, आदि अंत शिव जान,

ओंकार शिव शम्भू का त्रिगुण दिव्य स्वरुप,

ॐ नमः शिवाय मंत्र से होते शिव अनुकूल।

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महा प्रचंड , नील कंठ जटाधरी भयंकरे,

जटा में गंग शीशचंद्र,त्रिशूल कर शिवम् हरे।

 

नाग हार भूषणम्  बाघ चर्म विभूषितम्

पिनाकधारी शिव हरे,डमरू करे शिवम् हरे।

 

किशोर चंद्र शेखरे प्रज्वाल नेत्र मस्तके,

महाकपाली भस्मधारी मुंडमाल शिवम् हरे।

 

प्रलयंकरी शुभंकरी त्रिलोकनाथ शिव हरे,

भजामि नित शिव हरे शिवा पति शिवम हरे।

-डा० क्षमा कौशिक, देहरादून , उत्तराखंड

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