मनोरंजनआंखें बोलीं अधर लजाये – राजू उपाध्याय by newsadminFebruary 10, 20230129 Share0 गीतो की सुर ताल पर जो मौन तुम्हारे संकेतक थे..! बांकी चितवन के वह दृष्टि तीर सिद्धि हस्त आखेटक थे…! बहुत दूर से संधान किया पर लक्ष्य भेद करके लौटे,, आंखें बोली अधर लजाएं, भाव तुम्हारे आवेदक थे…! – राजू उपाध्याय, एटा, उत्तर प्रदेश