शहद सी बाते वो बोलते हैं,
ये राज दिल के भी खोलते हैं।
बिखेरा जादू लबो का उसने,
नजर से हमको वो मारते हैं।
जली कटी वो सुना रहे अब,
जहर जो बातो मे घोलते हैं।
न बात कहते वो दिल से हमको,
हमीं को वो बस टटोलते है।
गजब लगा जिंदगी मे आना,
नजर तुम्हारी उतारते हैं।
सुनो जरा तुम ये बात दिल की,
हमे ही हरदम पुकारते है।
गुजारी राते बिना तुम्हारे,
कि प्यार तेरा भी खोजते हैं।
– ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली चण्डीगढ़