उत्तर प्रदेश

डॉ० विजयानन्द बने अखिल भारतीय हिन्दी महासभा दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष

neerajtimes.com प्रयागराज। वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रचार प्रसार में संलग्न अखिल भारतीय हिन्दी महासभा, नई दिल्ली के नासिक,महाराष्ट्र में हुए दो दिवसीय अधिवेशन में प्रयागराज के कवि,साहित्यकार डॉ० विजयानन्द को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। देश के सभी प्रदेशों के 80 प्रांतों से आए पदाधिकारियों ने उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए बधाई दी।

अभाहिम प्रयागराज इकाई की महामंत्री डा० नीलिमा मिश्रा समेत सभी पदाधिकारियों-मित्रों,एवं नगर वासियों ने डा० विजयानंद को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी जिनमें प्रमुख हैं डा० वीरेन्द्र तिवारी, डा० शंभुनाथ अंशुल, डा० भगवान उपाध्याय, राम कैलाश पयागी,डा० पूर्णिमा,गंगा त्रिपाठी, राम मिश्र, के पी गिरी, डा० विमला व्यास, राकेश मालवीय, चेतना चितेरी, रचना सक्सेना,शैलेंद्र जय, एस पी तिवारी,उर्वशी उपाध्याय, उमेश श्रीवास्तव, देवयानी, व्रतशील शर्मा, सत्यभामा,

ज्ञातव्य हो कि डॉ० विजयानन्द  विभिन्न संस्थाओं में सचिव, महामंत्री, निदेशक- रिसर्च फाउंडेशन ,सं.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली,का०अध्यक्ष- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, प्रयागराज, पूर्व अध्यक्ष -काशी प्रांत,राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, विश्व हिंदी महासभा, नई दिल्ली जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं तथा हिन्दी साहित्य की लगभग सभी विधाओं रचना करते हैं। उनकी ५४ मौलिक तथा अनुदित,संपादित कुल ८१ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमे महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं-संबोधन (काव्य संग्रह), शिवा-शौर्य (खंडकाव्य), समरभूमि ,श्रीकृष्ण चरित ( महाकाव्य), अंधेरे के खिलाफ, हरिओम तथा अन्य कहानियां (कहानी संग्रह) , अकिंचन,धर्मचक्र (एकांकी संग्रह), दानवीर कर्ण, वनवासिनी सीता ( नाटक), पितामह भीष्म, उबलता लहू , नेह निर्झर, लाजो ( उपन्यास) आदि भारत सरकार,उत्तर प्रदेश सरकार सहित, देश विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत, यथा-अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘ हरिऔध ‘ पुरस्कार (मऊ,आजमगढ़), शकुंतला सिरोठिया बाल साहित्य पुरस्कार (इलाहाबाद), सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार का सम्मान, मोहन राकेश नाटक पुरस्कार , बाल साहित्य सम्मान ( उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ ) ,भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान (हिंदुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज) सहित देश-विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा कई दर्जन सम्मान एवं पुरस्कार उन्हें मिला है। सन 2001 में अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट ने इन्हें अपने रिसर्च बोर्ड का सलाहकार  बनाया था।जिस पद पर रहकर इन्होंने कई बरसों तक सराहनीय कार्य किया है। हम सभी विजयानंद  के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के संकल्प का स्वागत करते हैं।  (-डा० नीलिमा मिश्रा महामंत्री अ भा हिंदी महासभा, प्रयागराज ने भेजा)

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