दुश्मन भले जहान है पर बेमिसाल है ,
दुनिया कहे महान है आभा विशाल है ।
वो ख़ूब सावधान है हर बात से मियां ,
खतरे में उसकी जान है तीखा सवाल है ।
होने लगी चुनाव की आहट भी देश में ,
कानून वापसी हुआ हमको मलाल है ।
है कौन उसके काम पर उँगली उठा सके ,
या तो ज़लील शख़्स है या फिर दलाल है ।
योगी बनाम भोगियों में जंग हो रही ,
थामे खड़ा फ़क़ीर वो सच की मशाल है ।
जिन्ना जुनून देश में दिखने लगा मुझे ,
अब खालसा करने लगा फिर से बवाल है ।
अब देश जोड़ने चला मम्मी का लाडला ,
सर्दी डरी हुई है ये उपजी मिसाल है ।
दुनिया कहे ग़ज़ल जिसे वो तल्ख़ तेवरी ,
“हलधर” कहा बदल सके किसकी मजाल है ।
– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून