1-
तप त्याग वाला रंग, नहीं पहचाना नंग ,
कोई समझाए इस बेशर्म पठान को ।
बॉलीवुड के ये नंग, नायिका दिखाए अंग ,
धूल में मिला रहे हैं, हिंदुओं की शान को ।।
यदि नहीं आया बाज, मिटी नहीं जीभ खाज़,
खोजता फिरेगा खान, खास पहचान को ।
ध्वज में भी यही रंग, हरे और स्वेत संग ,
कौन समझाए भांड, शाहरुख खान को ।।
2-
फूंक मार मार थके, गीली सीली लकड़ी को ,
आग तो जलेगी नहीं, भस्त्र का क्या दोष है ।
वासना में लीन नंग, नायिका दिखाए अंग ,
आप ही बताओ तब, वस्त्र का क्या दोष है ।।
लूले आदमी के हाथ , बेशक दुधारी रहे ,
चोट तो करेगी नहीं शस्त्र का क्या दोष है ।
नेत्रहीन आदमी पे बेशक कमान रहे ,
लक्ष्य तो भिदेगा नहीं, अस्त्र का क्या दोष है ।।
3-
सत्तर की आयु में भी, कवि दिखते जवान ,
कौन सा चमत्कार कौन सी दवाई है ।
काले काले दिखें बाल,लाल लाल दिखें गाल ,
सच में जवानी है या कोई चतुराई है ।।
कौन से हैं क्रीम तेल, कहां पे लगी है सेल,
राज समझाओ कैसे आयी तरुणाई है ।
क्या ये योग का कमाल, सुलझाओ ये सवाल ,
रामदेव क्रीम है या गोदरेज डाई है ।।
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून