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रोहिला क्षत्रिय / रोहिला राजपूत शब्द सरकारी दस्तावेजों की सामान्य जाति की सूची में दर्ज हो : धीरज रोहिला

neerajtimes.com सहारनपुर (उ०प्र०) – उत्तर प्रदेश के रोहिला राजपूत क्षत्रिय समाज के प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम चंद रोहिला ने का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिख मांग की कि रोहिला क्षत्रिय / रोहिला राजपूत शब्द को सरकारी दस्तावेजों की सामान्य जाति की सूची में दर्ज किया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को एक खुला पत्र लिख अपनी बात राखी।

माननीय योगी आदित्य नाथ जी

मुख्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ

विषय – रोहिला /रुहेला क्षत्रिय/राजपूत  को उत्तर प्रदेश की सामान्य जाति लिस्ट में अधिसूचित किए जाने के संबंध में,

अति सम्मानित, मान्यवर,योगी आदित्य नाथ जी,!

आपसे विनम्र निवेदन है कि राजपूताना रोहिलखंड का( उत्तर प्रदेश का एक बहुत बड़ा भाग) इतिहास साक्षी है, कि क्रूर आक्रांताओं द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण को रोकते हुए रोहिला राजपूतों ने लगभग चार सौ  साल तक  संघर्ष करते हुए अपना सर्वस्व मिटाया किंतु स्वधर्म और राष्ट्र प्रेम को जीवित रखा,सल्तनत काल  से लेकर मुगल साम्राज्य के अंत तक राजपूताना रोहिलखंड को पूर्णतया कभी भी गुलामी की बेड़ियों में नही जकड़ा जाने दिया

और अवसर पाते ही स्वतंत्र रोहिलखंड राज्य की घोषणा करते   हुए आक्रांताओं का विरोध करते रहे

तत्पश्चात स्वाधीनता संग्राम में भी रोहिला राजपूतों ने बढ़ चढ़ कर अपना धर्म निभाया,जिससे इनकी आर्थिक कमर टूटती गई और इन्हे रोहिलखंड से अनेकों बार विस्थापित होना पड़ा,जिससे इनकी सामाजिक व्यवस्था भी चरमरा गई और हिंदू रोहिला क्षत्रियों की पहचान सरकारी रिकॉर्ड में उल्लिखित नही हो पाई,रोहिलखंड  में इस काल में जिन क्षत्रिय राज वंशों ने शासन किया,वे,राठौड़,गौर,परमार, कठायत,वाच्छिल,बारेचा चौहान, आदि थे,अनेक राज वंशों के राजपूत योद्धा ,(रोहिला /रुहेला उपाधि प्राप्त ) भी रोहिला राजपूतों में विलय हुए,

*वर्तमान में रोहिला /रुहेला  राजपूत युवा शक्ति और प्रौढ़,महिला बच्चे करोड़ों की संख्या में निवास करते है,और आर्थिक कमजोरी का दंश झेलते हुए जीवन संघर्ष शिक्षा के सहारे करने में तत्पर है, इन्हे सामान्य जाति का प्रमाण पत्र यदि आवश्यक होता है तो  राजस्व अधिकारी  लिस्ट देख कर प्रमाण पत्र नही देते क्योकि उत्तर प्रदेश की लिस्ट जो प्रमाण पत्र के लिए जारी की गई है! उसमे निम्न नौ जातियां अधिसूचित है जो निम्न प्रकार है, राजपूत, ब्रह्मण, कायस्थ, भूमिहार, बरनवाल, ठाकुर, खान/ पठान, क्षत्रिय, खंगार

इस सूची में रोहिला/रुहेला क्षत्रिय/राजपूत उल्लिखित नही है,जबकि मुस्लिम समुदाय की सामान्य जाति  की लिस्ट में रोहिला उल्लिखित है

उपरोक्त के परिपेक्ष में माननीय मुख्य मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन है  कि राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि राजपूत,क्षत्रिय,ठाकुर,खंगार,के साथ ही रोहिला /, रुहेला राजपूत/क्षत्रिय उपनाम से भी सामान्य जाति का प्रमाण पत्र जारी करे जिससे रोहिला/रुहेला  राजपूत युवा शक्ति अपनी पहचान रोहिला राजपूत /रोहिला क्षत्रिय नाम से प्राप्त  करके लाभान्वित हो सके, वैसे भी उत्तर प्रदेश में रोहिला /रुहेला  राजपूत ओबीसी और एस टी(अन्य पिछड़ा वर्ग और जनजाति) में अधिसूचित नही हो सकता और न ही वर्तमान में है

*यहां पर यह भी उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, रोहिला क्षत्रिय समाज जो कि पूरे भारत वर्ष में परचून की हालत में फैला हुआ है ,को अपना अभिन्न अंग मानती है, हमारे रोहिला क्षत्रिय समाज के कुछ व्यक्ति इस महासभा के आजीवन सदस्य भी वर्ष 1987 से बने हैं जिनमे हमारी संस्था अखिल भारतीय रोहिला क्षत्रिय विकास परिषद के संस्थापक एवम् पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय स्व० डा० कर्णवीर सिंह रोहिला  जी भी एक हैं। उनके इस संबंधी प्रमाण पत्र की फोटो प्रतिलिपि सलंग्न है। इसके अतिरिक्त उक्त परिषद की ही शाखा उत्तर प्रदेश प्रांत के अध्यक्ष एवम अधोहस्ताक्षरी भी उक्त महासभा के वर्ष 19 87से आजीवन सदस्य हैं। उनके भी इस संबंधी प्रमाण पत्र की फोटो प्रति अवलोकनार्थ सलंग्न है।

अनेकों रोहिला राजपूत/क्षत्रिय अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की राष्ट्रीय क्षत्रिय जनसंसाद के सदस्य और गवर्निंग काउंसिल के पदाधिकारी भी है,क्षत्रिय अस्तित्व न्याय मोर्चा के सदस्य पदाधिकारी और राष्ट्रीय प्रचारक है,दिल्ली संस्थापक अनंग पाल द्वितीय स्मृति समती के सदस्य और क्षत्रिय इतिहास शोध समिति के पदाधिकारी भी रोहिला राजपूत है*

स्पष्ट है कि रोहिला क्षत्रिय समाज समय की मार के कारण बहुत काल से विस्थापित हो अपने अस्तित्व की रक्षा करते हुए विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करते हुए धर्मानुसार अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं जो करोड़ों की संख्या में अनुमानित है। इस समाज की ओर माननीय मुख्यमंत्री जी एवम राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पुनः अनुरोध है कि कृपया रोहिला क्षत्रिय समाज को भी सामान्य वर्ग में यथाशीघ्र अधिसूचित करने की कृपा करें ।

*यह सर्व विदित सत्य है कि जो जातियां अधिसूचित जातियों की सूचियों में है ही नही वे ही सामान्य जाति है इसलिए आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों की संख्या में निवास करने वाली इस क्षत्रिय खाप रोहिला/रुहेला क्षत्रिय/राजपूत के युवाओं के भविष्य निर्माण में उत्तर प्रदेश सरकार अवश्य सहयोग करेगी और रोहिला /रुहेला  क्षत्रिय/राजपूत को भी सामान्य जाति की सूची में अधिसूचित कर कृतार्थ करेगी

जिससे रोहिला क्षत्रिय/रोहिला राजपूतों को सरकारी रिकॉर्ड में उनकी वास्तविक पहचान मिल सके, इसके लिए समस्त रोहिला/रुहेला  क्षत्रिय /राजपूत समाज आपका आभारी होगा।

राष्ट्रीय स्तर का यह संगठन अखिल भारतीय रोहिला क्षत्रिय विकास परिषद *(,रजिस्टर्ड)_सम्बद्ध *अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (रोहिला क्षत्रिय समाज अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का अभिन्न अंग है) की प्रांतीय शाखा उत्तर प्रदेश  इस पत्र के  द्वारा निवेदन करती है कि उत्तर प्रदेश की सामान्य जाति की सूची में अन्य क्षत्रियों /राजपूत के साथ रोहिला क्षत्रिय/,राजपूत भी अधिसूचित करने को कृपा कर कृतार्थ  करे

संलग्न- 1 – प्रमाण पत्र की फोटो प्रतियां   2 – सहयोग की अपेक्षा में

प्रतिलिपि – माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय,,अखिल भारतीय रोहिला क्षत्रिय विकास परिषद की सेवा में इस निवेदन के साथ कि क्रिया अपने स्तर से भी अपने प्रांत उत्तर प्रदेश के संबंध में वर्णित विषय पर यथाशीघ्र अधिसूचना जारी कराने के लिए अपनी संस्तुति भेजने की कृपा करें। सधन्यवाद

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