neerajtimes.com अयोध्या (उ०प्र०) – अयोध्या में आहूत श्री रामलला अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव जन रामायण को लेकर मंगलवार 4 अक्टूबर, महानवमी को अयोध्या के लिए जन रामायण यात्रा की शुरुआत हुई। गिरिडीह से पार्श्वनाथ और पार्श्वनाथ से लखनऊ फिर लखनऊ से अयोध्या तक की यात्रा होगी। जिसमें जन रामायण और आयोजन अयोध्या को लेकर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उत्तर प्रदेश के सभी गणमान्य व्यक्ति और साहित्यकारों को निमंत्रण दिया जाएगा। 4 की शाम लखनऊ से अयोध्या के लिए यात्रा निकलेगी और राम की पौड़ी में संध्यावंदन आरती के साथ रामलला को निमंत्रण दिया जाएगा। अगली सुबह सरयू स्नान और राम लला दर्शन पूजन कर आयोजन की सफलता हेतु प्रार्थना की जाएगी। साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति संगम साहित्योदय के बैनर तले अयोध्या में आगामी 19-20 नवम्बर को श्री राम लला अन्तर्राष्ट्रीय साहित्योत्सव का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के जानकी महल में आयोजित जन रामायण उत्सव में दुनियाभर के कवि, लेखक, साहित्यकार और कलाकारों का विशाल जमावड़ा लगेगा। इस मौके पर विश्व के सबसे अनूठे साझा महाकाव्य जन रामायण सहित कई पुस्तकों का भव्य विमोचन, कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठी, सम्मान समारोह और साहित्यिक पर्यटन होगा। दो दिवसीय साहित्य समागम में देश के कई लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार और कलाकार शामिल होंगे। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को साहित्योदय रत्न सम्मान दिया जाएगा। आयोजन की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र करेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्तियों के पहुँचने की संभावना है। साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि जन रामायण स्वयं में एक अनूठा साझा महाकाव्य ग्रन्थ है जिसमें विश्व के एक सौ इक्कीस रचनाकारों ने मिलकर सहज, सरल और सरस जनभाषा में लिखा है। इसको लेकर गत वर्ष 5-6 दिसम्बर को जन रामायण पर साढ़े 26 घण्टे का ऑनलाइन कवि सम्मेलन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है। जन अखण्ड काव्यार्चन में ढाई सौ से अधिक रचनाकार, कलाकार और मशहूर हस्तियों ने भाग लिया था। जिस पर जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन पुस्तक गोल्डन बुक प्रकाशित हो चुकी है। उन्होंने बताया कि साहित्योदय पिछले कई वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति के प्रचार प्रसार में कार्य कर रहा है। कोरोना काल मे सबसे पहले और सर्वाधिक 3 हजार से अधिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन/ काव्यपाठ/ सम्मान करवा चुका है। साहित्योदय प्रकाशन के तहत अब तक कई पुस्तकें छप चुकी है।