मनोरंजन

प्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

स्कंद माता-

ममतामय माता सदा, करती हैं उपकार।

संकट में वे साथ दे, बरसातीं निज प्यार।।

 

पूजते स्कंद माता को सदा कर जोड़ कर।

जाप नौ दिन भक्त करते कार्य पीछे छोड़ कर।

पूर्ण करती कामना जो भक्त निज मन में रखें।

हर विपद में साथ देतीं मुख न जाती मोड़ कर।।

 

माँ कात्यायनी –

ऋषि कात्यायन की सुता, शुभ फल देना आप।

नाम आपका जो जपे, उसके हर लो पाप।।

 

नाम कात्यायनि तुम्हारा, अधिष्ठात्री धाम की।

गोपियाँ तुमको भजें जो चाह रखतीं श्याम की।

तात को उपकृत किया था जन्म ले बृज आपने।

नित्य बरसायें कृपा माला जपें यदि नाम की।।6

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

Related posts

गीतिका – मधु शुक्ला

newsadmin

‘सब तेरे सत्कर्मी फल हैं’ चिंतन का व्यापक दर्प – सुधीर श्रीवास्तव

newsadmin

मित्रता – सुनील गुप्ता

newsadmin

Leave a Comment