यह बात अक्सर बताता हूँ,
मगर मैं कुछ भूल जाता हूँ ।
दुनिया भर के लड़ाई झगड़े,
माफ़ी नामे आपस के रगड़े,
गिले शिकवे सुलह सफाई,
इसी बीच में उनकी भरपाई।
यह बात अक्सर बताता हूँ,
मगर मैं कुछ भूल जाता हूँ ।
ख़ूब जोर से रटना लगाना,
मन लगा कर पढ़ते जाना,
परीक्षा के क़रीब आते ही,
रटा रटाया सब भूल जाना।
यह बात अक्सर बताता हूँ,
मगर मैं कुछ भूल जाता हूँ।
दोस्तों के संग खेलने जाना,
अपने खेल को उत्तम बताना,
तू-तू मैं की झगड़ों के बिना,
उनकी बातें ख़ुद मान जाना।
यह बात अक्सर बताता हूँ,
मगर मैं कुछ भूल जाता हूँ।
– अमृत पाल सिंह गोगिया, लुधियाना पंजाब