तेरी नज़रों मे ढल रही हूँ ,
इश्क का.. कमाल है ये।
तेरे ख्वाबों में पल रही हूँ,
इश्क का… कमाल है ये।
मै कुछ कुछ बदल रही हूँ ,
इश्क़ का…कमाल है ये।
तेरे वादों पे चल रही हूँ,
इश्क का …कमाल है ये।
तेरे साँचे में ढल रही हूँ ,
इश्क का …कमाल है ये।
मैं तुझपे मचल रही हूँ,
इश्क़ का..कमाल है ये।
तेरी साँसों से जल रही हूँ ,
इश्क का ..कमाल है ये।
तेरे मन में टहल रही हूँ ,
इश्क़ का…कमाल है ये।
जाने कैसे फिसल रही हूँ ,
इश्क का …कमाल है ये।
#डाॅकिरणमिश्रा स्वयंसिद्धा,
नोएडा , उत्तरप्रदेश