मनोरंजन

भजन- झरना माथुर

बंसी बजैइयाँ  ब्रज का कन्हैयाँ,

माखन खाये मेरा रास रचैइयाँ ।

 

ग्वाल-वाल संग बन में वो जाये,

गैया चराये वो बासुरी बजाये,

गैया झूमें ओ ग्वाले भी झूमें,

सबका प्यारा ये कृष्ण-कन्हैयाँ

बंसी बजैइयाँ ,ब्रज का कन्हैयाँ ।

 

ब्रज गोपीयाँ  कान्हाँ  को सताये,

घेरा बनाये वो बासुरी चुराये,

कान्हा घट फोड़े,ओ राधा छेड़े।

सबका प्यारा ये कृष्ण-कन्हैयाँ,

बंसी बजैइयाँ ,ब्रज का कन्हैयाँ ।

 

राधा सखियाँ एक की चार लगाये,

माता यशोदा और डाँट लगाये,

कान्हाँ  रोये  ओ मैया भी रोये,

सबका प्यारा ये कृष्ण-कन्हैयाँ,

बंसी बजैइयाँ ,ब्रज का कन्हैयाँ ।

– झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड

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