Neerajtimes.comदेहरादून- स्टेशनरी आइटम व पाठ्यक्रम सामग्री पर टैक्स बढ़ा देने को लेकर देहरादून स्थित नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने शिक्षा सामग्री पर टैक्स लगने से महंगी होती शिक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर शिक्षा सामग्री से टैक्स हटाने की मांग करी है । एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र मे मांग करते हुए लिखा है कि एनएपीएसआर एक एजुकेशनल एवं अवेर्नेस रजिस्टर्ड ट्रस्ट है जो कि पिछले 08 सालों से बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा पर काम कर रही है । इसके माध्यम से गरीब, निर्धन,मलिन बस्ती मे रहने वाले व कूड़ा करकट उठाने वाले व जरूरतमन्द बच्चों को अक्षर ज्ञान देकर उनका सरकारी स्कूलों मे एडमिशन कराकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास लगातार जारी है । और इसके चलते सैकड़ों बच्चे पढ़ाई भी कर रहे हैं । चूंकि मजदूर तबके के बच्चे हैं तो उनके माता पिता जैसे तैसे अपना पेट काटकर अपनी जरूरतों को मारकर अपने बच्चों को पढ़ने भेज रहे हैं ।
बता दे कि विगत दिनों भारत सरकार द्वारा स्टेशनरी आइटम व पाठ्यक्रम सामग्री पर टैक्स बढ़ा देने के कारण पेंसिल रबर कटर सब महंगे हो गए हैं जो कि शिक्षा का मूल सार है और अक्षर ज्ञान प्राप्त करना इन सबके बिना असम्भव है । और मजदूर तबके की पहुंच से बाहर होती शिक्षा के चलते अपने बच्चों को पढ़ा पाना एक दिहाड़ी मजदूर की पहुंच से बाहर हो जाएगा । ऐसे मे कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया । और स्वच्छ भारत साक्षर भारत का नारा बेमानी हो जाएगा । (NAPSR) ने की ओर से मा0 प्रधानमंत्री जी से निवेदन करते हुए कहा कि शिक्षा सामग्री पर लगाया गया टैक्स निरस्त करते ताकि बच्चों की शिक्षा मजदूर तबके की पहुंच मे भी हो सके । बच्चों के कंधों पर मे किताबों का बस्ता हो कूड़ा बिन का थैला नही ।