मनोरंजन

मुझको मत दोष तुम देना – गुरुदीन वर्मा

मुझको मत दोष तुम देना, क्यों ऐसा कर रहा हूँ मैं।

नहीं काबिल तुम मेरे , क्यों ऐसा कह रहा हूँ मैं।।

मुझको मत दोष तुम——————-।।

करता था तेरी तारीफ, समझा मजबूर तूने मुझको।

पवित्र नहीं तुम्हारा दिल, बता जो अब रहा हूँ मैं।।

मुझको मत दोष तुम———————।।

लगाये मुझपे बहुत आरोप, जबकि बहुत तू है दोषी।

नहीं अच्छा अदब तेरा, यह सच क्यों लिख रहा हूँ मैं।।

मुझको मत दोष तुम———————।।

माना था अच्छा दोस्त तुमको,तुमने माना मुझको दुश्मन।

तू ही तो है मेरा दुश्मन, गलत क्या कह रहा हूँ मैं।।

मुझको मत दोष तुम———————।।

करता था तेरी गुलामी, करता था तेरा इन्तजार।

बन गया क्यों जी आज़ाद, नफरत क्यों कर रहा हूँ मैं।।

मुझको मत दोष तुम———————।

– गुरुदीन वर्मा.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां राजस्थान)

मोबाईल नम्बर – 9571070847

Related posts

राष्ट्रीय कवि संगम’ महिला इकाई की काव्य गोष्ठी आयोजित

newsadmin

ग़ज़ल (हिंदी) – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

अंगुली थाम मेरे सपनो की – राजू उपाध्याय

newsadmin

Leave a Comment