राम नाम के पनारे , आज़मा के देख प्यारे ,
जिंदगी का तत्व राम , राम राम राम हैं ।
दीखते है आस पास , चलते हैं स्वास स्वास ,
तीन लोक चार धाम , राम राम राम हैं ।।
हिंदू सभ्यता के दम्भ ,संस्कृति के आलंभ ,
आस्था के भी स्तंभ , खास राम राम हैं ।
लोकतंत्र चूल में भी , आरती के फूल में भी ,
भारती के मूल में भी , एक नाम राम हैं ।।
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून