मनोरंजन

गांव की बेटी हूं – ममता जोशी

मैं लिखवार गांव की बेटी हूं

प्यारा लगता अपना मायका,

पैन्यूली वंश में जन्मी हूं।

राजा के दीवान थे पूर्वज,

लिखवार गांव की बेटी हूं।

चौंरी हमारी देवस्थली ,

सब देवों का आशीर्वाद।

निकट बना है मंदिर प्यारा,

इष्ट सदा ही आते याद।

इस माटी में जन्म लिया है,

अनेक क्रांतिकारियों  ने ।

मातृभूमि पर सदा समर्पण,

जान दी वीर जवानों ने ।

लकड़ी घास को लेने जब भी,

जंगल जाती है बहू बेटी।

रक्षा करने खड़ी वहां पर,

हमारी केमुंडा़ खाल की देवी।

सड़क के ऊपर गांव हमारा,

सड़क के नीचे खेत हैं,

जंगल चारों तरफ़ है फैला,

पनघट हरदम चेत है।

बुजुर्गो से भरी हुईं वह,

चौरी शाम को सजती थी।

अब दिखते नहीं बूढ़े जन हैं,

हृदय में कमी खलती सी।

कितनी यादें जुड़ी हुईं,

होती हैं अपने मायके से,

इस माटी से दूर हुए तो,

दूर हुए हर जायके से।

-ममता जोशी “स्नेहा”

लिखवार गांव की बेटी

– ममता जोशी,प्रताप नगर, टिहरी गढ़वाल

Related posts

ले लो तिरंगा – सुनील गुप्ता

newsadmin

गीत(इमरान सिद्धू वार्ता) – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

चाय – जया भराडे बड़ोदकर

newsadmin

Leave a Comment