neerajtimes.com – भारत एक विशाल आबादी वाला देश है तथा इसकी गणना विश्व के, विकासशील देशों में होती है । 1947 से अब तक हमारे देश की आबादी बड़ी तीव्र गति से बढ़ी है । जहां 1947 में 33 करोड़, 1971 में 54 करोड़, 1990 मैं 87 करोड, 2011 में 120 करोड़ तथा 2020 में 137 करोड़ आबादी हमारे देश की हुई है। जनगणना के बावजूद भी बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो जनगणना में शामिल नहीं हो पाते, वह भी हमारी आबादी का हिस्सा है। इस प्रकार भारत जैसे विशाल देश में जनशक्ति का विशाल समूह है। लेकिन वर्तमान समय में जन शक्ति का उपयोग करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार ,आवास, सुनियोजित सरकारी कार्य योजना , उन्नत क्षमता वाले युवाओं के साथ ही , सबके लिए पोस्टिक आहार भोजन कपड़ा होना भी आवश्यक है। इतनी ज्यादा जनसंख्या देश के विकास में बाधक बन सकती है । 11 जुलाई को संपूर्ण विश्व में जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि, हमें अपने देश की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने होंगे। अन्यथा आने वाले भारत के भविष्य की तस्वीर बड़े संकटमय होगी। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए विभिन्न विद्यालयों , गोष्ठियों , सेमिनार ,सामाजिक संस्थाएं को इस दिशा में आगे आकर प्रयास तेज करना होगा। समाज के हर व्यक्ति को विशेष रूप से शिक्षा से जुड़े लोगों को, प्राइवेट एनजीओ को, इस दिशा में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कार्य करना होगा तथा कानूनी बाधाएं भी लानी होंगी । तब कहीं जाकर जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा । यह हम सब के लिए बड़ी चुनौती है। प्रतिवर्ष करोड़ों छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या के आधार पर रोजगार सर्जन नहीं हो रहा है, ना ही उन्हें रोजगार मिल रहा है, ऐसे में सभी युवा आने वाले समय में देश के लिए संकट बन सकते हैं , क्योंकि बिना रोजगार के युवा करे तो क्या करें। इसलिए समय रहते हैं सभी को सामूहिक प्रयास करके, जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में कार्य करना होगा तथा सर्व समाज को इसको रोकने के लिए अलख जगानी होगी । वरना बढ़ती हुई जनसंख्या भोजन , आवास, कपड़ा, रोजगार , उत्तम स्वास्थ्य सब को समाप्त कर देंगे और इन सब समस्याओं का एक कारण है बढती जनसंख्या । इसलिए 11 जुलाई को विश्व में, भारत में जो जनसंख्या दिवस मनाया जाता है उसकी सार्थकता तभी होगी। जब हम सही दिशा में मिलकर सामूहिक प्रयास करें और जनसंख्या नियंत्रण के लिए आगे आए। अतः हम सबको अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए निरंतर प्रयास तेज करना होगा। जिससे अपने देश को, हम बढ़ती जनसंख्या के संकट से रोक सकें तथा अपना भारत उन्नति के मार्ग पर निरंतर बढ़ता रहे।—– बृजेश शर्मा (शिक्षक एवं साहित्यकार, जबलपुर, मध्यप्रदेश) (द्वारा- मीडिया प्रभारी- गुरुदीन वर्मा)
previous post
next post