सुबह -सुबह नेता जी
हमारे घर आएं,
पांच साल बाद देखकर
उन्हें हम घबड़ाएं।
हमने कहा अचानक
हमारी याद कैसे आई,
नेता जी ने कहा
सिर पर चुनाव है भाई।
नेता जी ने बताया
हमने विकास किया है,
पुनः हाईकमान ने
हमें टिकट दिया है।
अब आप अपना
हमें आशीर्वाद दीजिए,
हमारी पुरानी गलतियों को
क्षमा कीजिए।
– कवि संगम त्रिपाठी
जबलपुर मध्यप्रदेश