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राम नाम तारनहार – कालिका प्रसाद

घट घट में श्री राम बसे हैं ,

रोम रोम में राम है ,

रामसेवा को आतुर रहना ,

रामभक्तों का काम है।

 

रामदुलारे अंजनी सुत ,

पवन पुत्र हनुमान है ,

सीना चीर दिखा सकते हैं,

राम-राम में ध्यान है।

 

तर जाते प्रस्तर सिंधु में,

राम नाम स्वर्णाक्षर से ,

दुष्ट पापी धाम को जाते ,

जप राम राम शब्दाक्षर को।

 

असुरों का संहार करे प्रभु ,

पतितों को पावन करते ,

जहां कृपा राम की होती ,

पतझड़ को सावन करते।

 

आराध्य श्रीराम प्रभु जो ,

इस जग के पालनहार है ,

ध्यान लगा लो  राम का,

इस सृष्टि के करतार है।

 

राम नाम की जपते माला ,

योगी संत  और महाज्ञानी ,

राम नाम ही तारनहारा है,

राम सा नहीं कोई सानी।

– कालिका प्रसाद सेमवाल

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

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