मनोरंजन

रस्किन बॉन्ड – झरना माथुर

यह चिट्टी नहीं  मेरा संदेश हैं,

आपके प्रति मेरा स्नेह है।

 

सात समंदर पार से बस गए मेरे देश मे,

सौभाग्य है हमारा आप है हमारे भेष मे।

 

हसीन वादियों में बस गयी है संस्कृति आपकी,

जो अब पहचान भी बन गयी है आपकी ।

 

आपसे मिलने की बहुत इच्छा और अभिलाषा है ,

आपके साथ कुछ बात कर सकूँ ये मेरी आशा है ।

 

आप मेरे घर आये यह मेरी प्रार्थना है ,

कुछ अपने हाथ से खिला पाऊं ये कामना है ।

– झरना माथुर , देहरादून , उत्तराखण्ड

Related posts

परमात्मा से परमात्मा को मांगे – सरदार मनजीत सिंह

newsadmin

गज़ल – किरण मिश्रा

newsadmin

भारतीय सैनिक – जया भराडे

newsadmin

Leave a Comment