कभी अंत न देखो,
क्योंकि आरंभ से ही अंत है।
कभी सुखः न देखो,
क्योंकि कष्ट से ही सुखः प्राप्त होता है।
कभी विजय से गर्व न करो,
क्योंकि पराजय से ही विजय प्राप्त होती है।
भूत के लिए न सोचो,
भविष्य के लिए न सोचो,
भविष्य भी अगले दिन का भूत है।
भूत भी एक दिन का कल है।
इसलिए आज के लिए ही सोचो।
न अपनों के लिए सोचो,
न परायों के लिए सोचो,
केवल अपने धर्म के लिए ही सोचो।
आरंभ से ही प्रयत्न और परिश्रम करो
अंत में विजय सुनिश्चित है।
– जि. विजय कुमार, हैदराबाद, तेलंगाना