Uncategorized

बावरी हो जाती हूँ – सुनीता मिश्रा

जानते हो जब तुम पास होते हो….

तो मै बावरी हो जाती हूँ…

सिर्फ तुम्हे महसूस करती हूँ…

तुम्हे देखना तुम्हे सुनना…

बेहद आनन्दित करती है…

तुम्हारे संग रहने के लाखो…

बहाने ढुढ़ती है…

जिस पल न मिलो तो…

कई शिकायते ढूँढ़ती है..

जताती नही अपना प्यार…

पर तुम पर अपना हक जताती है…

कैसा ये प्रेम ?

जो खुद को तुममे ढूँढ़ती है…

कहती नही तुमसे…

पर ये समझती है…

कि तुम  भी उसे चाहते…

तुम्हारी नजरों से खुद को चुराती है…

शायद ये वजह कि-…

तुम पास होते हो तो ,…

मै बावरी हो जाती हूँ ।…

.✍️सुनीता मिश्रा, जमशेदपुर

Related posts

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

newsadmin

हे मां भुवनेश्वरी दया करो – कालिका प्रसाद

newsadmin

THE PATH OF PEACE: LORD BUDDHA – Prakash Roy

newsadmin

Leave a Comment