मनोरंजनभोजपुरी बिरह गीत – श्याम कुँवर भारतीnewsadminJuly 27, 2022 by newsadminJuly 27, 20220206 कईला काहे हमसे अइसन तू प्यार बलमु | छोड़ी दिहला हमके तू मजधार बलमु | तोहरे बिना लउके हमके सगरो अनहरिया | अंसुवे मे...
मनोरंजनधर्म चिंतन दिव्यानंदम – टी. एस. शान्तिnewsadminJuly 27, 2022 by newsadminJuly 27, 20220211 utkarshexpress.com – ज्ञानियों ने फरमाया है कि हे मानव तू अपनी संपत्ति को पहचान। राग, द्वेष तथा अहंकार के जाल से मुक्त जो होता है,...
मनोरंजनपूर्णिका साहित्य जगत में पूर्णिमा की चांदनी सी छटा बिखेर रही है : डॉ सलपनाथ यादवnewsadminJuly 27, 2022 by newsadminJuly 27, 20220177 neerajtimes.com – मां नर्मदा की कल-कल स्वरों के बीच कलमकार डॉ सलपनाथ यादव ने साहित्य में नव विधा का सृजन किया है जिसकी धारा सतत...
मनोरंजनमुझको मत दोष तुम देना – गुरुदीन वर्माnewsadminJuly 26, 2022 by newsadminJuly 26, 20220200 मुझको मत दोष तुम देना, क्यों ऐसा कर रहा हूँ मैं। नहीं काबिल तुम मेरे , क्यों ऐसा कह रहा हूँ मैं।। मुझको मत दोष...
मनोरंजनबाजार में शिक्षा – आलोक रंजनnewsadminJuly 26, 2022 by newsadminJuly 26, 20220204 एक औरत दूसरी औरत से बोलती है कि दसवीं, बाहरवीं के तो सही, इन्होंने नौवीं के भी बढ़ा दी है इतनी फीस, अब कैसे जियेगा...
मनोरंजनवक्त के साँचे मे – ऋतु गुलाटीnewsadminJuly 25, 2022 by newsadminJuly 25, 20220216 वक्त के साँचे मे ढल कर देख ले, जिंदगी अपनी बदल कर देख ले। सोचते थे संग मिले आपका, प्यार से यारा पहल कर...
मनोरंजनप्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठीnewsadminJuly 25, 2022 by newsadminJuly 25, 20220205 हे गिरिराज कृपा करके मन मैल तिरोहित ही कर देना। दूषित भाव हलाहल के सम दूर कृपानिधि जी धर देना। द्वेष प्रपंच मिटें दिल...
मनोरंजनकविते ! तुम मेरी मधुशाला हो – किरण मिश्राnewsadminJuly 24, 2022 by newsadminJuly 24, 20220191 कुछ भाव भरे उम्मीदों की…., कुछ भूली बिसरी यादों की…, कुछ आधे अधूरे सम्वादों की.. कुछ बिछुड़े से जज्बातों की .., कुछ बोझिल से अहसासों...
मनोरंजनचोट खाए दिल – कल्पना गुप्ताnewsadminJuly 24, 2022 by newsadminJuly 24, 20220225 इस चोट खाए दिल को संभालते आए हैं होगा आगे क्या नहीं बता पाएंगे हम। हर रोज रात के अंधेरे में मिलते नए गम...
मनोरंजनहिंदी की महिमा – कामिनी व्यास रावलnewsadminJuly 24, 2022 by newsadminJuly 24, 20220201 तुम्हें कहें संस्कृत सुता, जन -जन पर है राज | भगिनी को भी ले चले,कितना बढ़िया काज || बैर किसी से है नही, रखती...