मनोरंजनत्यौहार जब मनाते हैं – गुरुदीन वर्माnewsadminOctober 28, 2022 by newsadminOctober 28, 20220146 त्यौहार जब भी मनाते हैं हम। तब क्यों भूल यह जाते हैं हम।। मदहोश होकर यह करते हैं हम। धर्म और शर्म भूल जाते हैं...
मनोरंजनगीत – जसवीर सिंह हलधरnewsadminOctober 28, 2022 by newsadminOctober 28, 20220363 तुम चाहे मानो मत मानो ,पर मेरा विस्वास अटल है । मज़हब अगर नहीं होते तो ,रूप जगत का न्यारा होता ।। धर्म जाति...
मनोरंजनग़ज़ल – ऋतु गुलाटीnewsadminOctober 28, 2022 by newsadminOctober 28, 20220435 याद में आज तो होठो को सिला रक्खा है। हमने इस दिल में वही नाम बसा रक्खा है। पाक दिल में हर पल सपने...
मनोरंजनतन तो बेगाना – अनुराधा पाण्डेयnewsadminOctober 27, 2022 by newsadminOctober 27, 20220435 तन तो ऐसे भी बेगाना , मन के सारे पृष्ठ खँगाले । चीर-चीर कर हृदय पोर को, देखे सारे स्वर औ व्यंजन । उठते...
मनोरंजनग़ज़ल – विनोद निराशnewsadminOctober 27, 2022 by newsadminOctober 27, 20220263 शबे-तन्हाई तूने पुकारा ही नहीं, तेरी याद के सिवा चारा ही नहीं। राहे-सफर में तेरे बिछुड़ने के बाद, इस दिल में कोई उतारा ही...
मनोरंजनदीपावली – निहारिका झाnewsadminOctober 27, 2022 by newsadminOctober 27, 20220251 दीपों का यह पर्व दीवाली, जीवन में लाये खुशहाली, तन मन से हर मैल हटाएं, परिवेश को स्वच्छ बनाएं, घर आंगन रंगोली पूरें, खुशियों की...
मनोरंजनकवि संगम त्रिपाठी ने की गुरुदीन वर्मा के स्वास्थ्य लाभ की कामनाnewsadminOctober 27, 2022 by newsadminOctober 27, 20220168 neerajtimes.com जबलपुर। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चर्चित कवि गुरुदीन वर्मा आजाद जी के पैर की बाॅल के सफल ऑप रेशन व...
मनोरंजनभाई-दूज – गुरुदीन वर्माnewsadminOctober 26, 2022 by newsadminOctober 26, 20220157 भाई-बहिन का त्यौहार है भाईदूज। भाई- बहिन का प्यार है भाईदूज।। नहीं भूल जाना मेरे भाई यह त्यौहार। भाई- बहिन का सम्मान है भाईदूज।। भाई-...
मनोरंजनमां के चरणों में – प्रीति त्रिपाठीnewsadminOctober 26, 2022 by newsadminOctober 26, 20220306 देह की देहरी से दुनिया के भंवर तक, प्रेम की संकल्पना थी मां। निज उदर में रक्त से सींचा मुझे, चोट लगने पर सहज...
मनोरंजनसून- सुना – प्रदीप सहारेnewsadminOctober 26, 2022 by newsadminOctober 26, 20220313 धनतेरस के दिन, मैंने लक्ष्मी माँ से, गुलाम की तरह पूछा । “माँ सून.. ” बोली, सूना. . बोला, “कहाँ चल रहा, आज कल आना...