हे गणेश गणराया चरणों में जी लगाया ,
गौरी सुत हर्ता दुख शमन विपद करो।
आप हो बुद्धिदायक और हो फलदायक
गणनायक देव हे सृजन प्रबल करो।
विघ्नहारी गुणकारी आप पुत्र त्रिपुरारी,
जनमन रंजन को जीवन सुखद करो।
जन मन भेद हटा पाप पुण्य दोष मिटा,
जगा मन शुभ भाव उत्तम जगत करो।
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश