neerajtimes.com – देवबंद-ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के तत्तावधान में खिलाफत बुलेटिन द्वारा हिन्दी पत्रकारिता दिवस का आयोजन आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अशोक गुप्ता ने कहा कि पत्रकार समाज का आईना होता है, जो स्वंय को जोखिम में डाल कर समाज की सच्चाई को सामने लाते है, आज की पत्रकारिता चुनौती पूर्ण है, पक्कारों के सामने राजनीतिक, आर्थिक बहुत सी चुनौतिया एवं परेशानियां है, आज जो उनके नैतिक एवं बारित्रिक स्तर में गिरवाट आयी है उसका कारण पत्रकारों की संख्या मशरूम की तरह बढ़ना, इससे बड़ा कारण पत्र मालिको का पूर्णरूप से व्यसायिक बन जाना भी है, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष आलोक तनेजा ने गुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि सरकारी तंत्र की बेरूखी तथा भेदभाव की नीति के कारण छोटे समाचारो पत्री के पतन का कारण है और सरकारी नीति के चलते बड़े समाचार पत्र छोटे और मझोले समाचार पत्रों को निगल रहे है और गलाकाट व्यवसायिक प्रतिस्पृचा के चलते छोटे समाधार पत्र नहीं पनप रहे रहे हैं। ऐसे में समाज को अपने सहयोगी दायित्व के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि पत्रकार की कमजोर बहु की भौजाई जैसी हो गयी है, अगर एक सच्चाई लिखते है तो दूसरे को निश्वित ही प्रीतपत्रकारिता नजर आती है, दीपक राज नियंल प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र का चौथा और मजबूत व महत्त्वपूर्ण स्तम्भ है यदि यह कमजोर पड़ गया तो लोकतंत्र का किला भरभरा कर गिर पड़ेगा। पत्रकारों के मार्ग में असंख्य चुनौतियों के होते हुए भी उसका सजग रहना अति आवश्यक है। रोहिताश कुमार वर्मा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य ने कहा कि शासन-प्रशासन महौले समाचार पत्रो पर दमनात्मक कार्यवाही करता है, फिर भी मझौले व छोटे समाचार पत्र अपने दम पर जिन्दा है, छोटे मंझोले समाचार पत्र दैनिक समाचार पत्रों की तरह बोडी चौड़ी दूरी पर अपने समाचार श्री पेज नही बदलते, छोटा, मंझोला समाज पत्र राष्ट्र स्तर का समाचार पत्र होता है जहां भी जाता है, हर जगह एक जैसे समाचार पत्र होता है,। देवबंद नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष विपिन गर्ग ने कहा पत्रकार को मिशनरी स्वरूप समर्पण और निष्ठा के साथ काम करना चाहिए क्योंकि उसके हाथ में लेखनी तलवार और तोप से भी ज्यादा असरदार होती है। रामपाल सिहं एडवोकेट ने कहा कि संविधान निर्माण के समय डा.भीमराव अम्बेडकर ने पत्रकारों को स्वंय नियंता बताते हुए ऐलान किया था कि इसके लिए कानून बनाने की जरूरत नहीं है। यह प्रबुद्ध एवं जिम्मेदार वर्ग है जो अपने लिए अपनी आचार संहिता स्वयं निर्धारित कर लेगे। वरिष्ठ लेखक कमल देवचंदी ने कहा कि उन्हें शासन प्रशासन और जनता का सहयोग अपेक्षाकृत नहीं मिलता और दूसरे उसे आर्थिक संकट से निपटने के लिए दो चार होना पड़ता है।ऐसे में अच्छा काम करने वालों को समाज में सम्मान और प्रोत्साहित किये जाने आवश्यक है। देवबंद प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज सिंघल ने कहा पत्रकारिता का मार्ग बढ़ा रपटीला और कंकरीला है इस पर सम्भल कर चलने की जरूरत है। नगर और बहार से आये पत्रकारी को भी सम्मानित किया गया जिसमें गोविंद राम शर्मा, अशोक गुप्ता,अथर उस्मानी, मुमताज अहमद, संजय राठी, गम्पूर मलिक, नूर मौहम्मद, वरिष्ठ लेखक कमल देवबंदी,दिलशाद राणा, मूमित कुमार, मुशर्रफ उस्मानी, फिरोज खान,आबाद अली शेख, नौशाद उस्मानी, फहीम उस्मानी,जुहेब खान, अनुज स्वामी, अशोक स्रोता, जितेन्द्र मेहरा, वेद प्रकाश पांडे, मुकेश शर्मा,गुरजोत सेठी, साजिद खान, नीलम सैनी, सतीश आजाद ,आसिफ सागर , बलबीर सैनी, राजकुमार जाटव, अफजाल सिद्दीकी, इमरान शेख,दीन रजा, महताब आजाद, प्रशांत त्यागी, मंदीप शर्म, डा. शमीम देवबंदी, आदि एवं अतिथि के रूप मंचासीन अतिथियों को आयोजकों की ओर से प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।। इस मौके ओमपाल चौधरी, रामकरण चौळांचार्य, प्रवीण कुमार,’ यशपाल सिहंह राजपाल जाटव, श्याम कुमार चौहान,, डा. शिवकुमार, अजये बौद्ध, जय प्रकाश, राकेश कुमार, मुजजेकिर अली,मतलूब, रेनूका एडवोकेट, आसुतोष बोकाडिया, अभिषेक कुमार आदि के अलावा नगर के समस्त पत्रकार उपस्थिति रहे। संयोजक ओमवीर सिंह व राजकुमार जाटव ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकूट करते हुए सफलता पर सभी को साधुवाद दिया।
रिपोर्टर – महताब आज़ाद
11:10 PM