चक्रपाणि की माया बड़ी, भक्ति प्रेम की ये घड़ी,
चाहते हो दुख टलें , हरि गुण गाइये।
मन से प्रभु नाम लें, धैर्य से नित काम लें,
गोविंद उद्धार करें, शीश तो नवाईये।
विष्णु चक्रधारी नाम, याद करें तीन याम,
वेदना सताए कभी, हरि को मनाइये।
शंख चक्र पद्म हाथ, दानव करें विनाश,
जाना यदि पुण्य धाम, भक्ति मार्ग जाइये।।
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश